Wednesday, 2 November 2016
EK AAM KAHANI #5
ट्रैन के उस डब्बे में दूर से एक धीमे आवाज़ कपूर साहब के कानों में पद रही थी। समय के साथ वो आवाज़ पास आती जा रही थी। कुछ समय बाद जब एक बड़ी ही कर्कश आवाज़ कपूर साहब की कानो में पड़ी तो वो मुह बनाते हुए पीछे की तरफ मुड़े। देखने पे पाया की दो लड़के कोई सा लोक संगीत गा रहे थे और उनमे से एक छोटा सा सितार जैसा यन्त्र बजा रहा था।
धीरे-धीरे वो कपूर साहब के कम्पार्टमेंट में भी आ गए। पता चला की उनमे से एक अंधा था। वो दोनों ने वहां कुछ पलो के लिए गाना सुनाया। फिर गाना रुका तो दोनों हाथ फैलाये एक लड़का पैसे मांगने लगा। मांगता भी क्यों नही, गाना जो गया था उन्होंने।
दो तीन दफा बोलने पे, चार पाँच लोगो ने लड़के के हाथ में एक दो रूपए के सिक्के रख दिए। यह देखते हुए कपूर साहब का जैसे सब्र का बांद ही टूट पड़ा।
"आप लोगो ने फ़िज़ूल में ही इन्हें पैसा दिया है। देखिएगा, ये इसका उपयोग नशा करने के लिए करेंगे। मैने हमेशा यही देखा है। ऐसे बच्चो को भीख़ देनी ही नही चाहिए। "
इस बात पर कई लोगो ने मुंडी हिलाई। हालांकि, कुछ लोगो का दृष्टिकूण्ड कुछ अलग था, पर वो शांत रहे। भला कौन मु जोरि करे सोच के शांत रह लिए। पर ये बात उन बच्चो को कुछ जमी नही। उन्होंने तुरंत जवाब दिया।
"साब हम ये पैसा अपनी पढाई की शुरुआत करने के लिए कमाते है। गाना गाना और बजाना थोड़ा बहुत आता है, इसलिए वही करते है। पर बिना किसी बात की भीख नही मांगते।"
ये सुनते ही कपूर साहब को गुस्सा आ गया। भला आता कैसे नही, एक छोटे से बच्चे ने भरी ट्रैन में सेकड़ो मुसाफिरों के सामने एक वाज़िब बात जो कर दी थी। गुस्सा आना तो बनता था।
"बेटा हमें मत बताओ ये सब। सब जानते है तुम लोगो की करतुते। तुम जैसे बच्चो का कुछ नही हो सकता। "
ये सुनने पर उस लड़के ने कुछ नही कहा। एक शब्द भी न निकले उसके मुँह से। पर जाते जाते उसकी आँखें सब बयां कर गयी। ऐसा लगा मानो कह रही हो...
'साब, हो सकता है की कुछ भी न हो। हम ऐसे ही गाना गाके पैसे जुटाते रहे। हो सकता है। पर ये भी हो सकता है की हमारा समय बदले। हम अच्छे से पढ़ लिखकर कुछ बड़ा कर जाएँ। मेरा दोस्त देखने लग जाये। परंतु, एक चीज़, जो कभी नहीँ बदलेगी चाहे लाख चीज़े कह लो, वो है आपकी राय। इसको बदलपाना असंभव है।'
और वाकई, किसी की राय बदलना आसान काम नही है।
Nice work with hindi writing :) Or bhi kahaniyon ka intezar rhega ;)
ReplyDeleteKahani ki antim panktiyaan asar chod jati h :D
Haha! Dhanywaad :)
Delete2 saal baad Hindi me kuch likha he WhatsApp ke msgs ke alawa! :D
kahani mai dum hai..:)
ReplyDeleteHaha! Thank you, Supriya :D
DeleteDamdaar kahaniyan aati rahengi. :)
Singh Sahab :D
ReplyDeleteBahut badi baat keh gaye aap :)
#Gujjar
Dhanywaad Gurjar sahab :)
DeleteHope-the keynote I experienced reading your story.never had thought I would be able to enjoy such a post with my toota-phoota hindi knowledge.Thanks for the new experience as well
ReplyDeleteGreat to know that :)
DeleteHindi is no less than English to describe things ;)
Awesome!!! Great comeback by that boy in the end. ��
ReplyDeleteCan't wait for your next work Varun!
Thank you bhai :)
Deletebeautifully written Varun...
ReplyDeleteThank you, Rashmi :)
DeleteThat is an extremely smart written article. I will be sure to bookmark it and return to learn extra of your useful information. Thank you for the post. I will certainly return.
ReplyDeleteThank you. :)
DeleteYou are more then welcome to explore not only this post but the entire blog.